Tuesday, August 9, 2022

कॉमनवेल्थ

 #cwg22india #हर_घर_तिरंगा_अभियान  


जीत का विश्वास रखकर ,काल की टंकार हो तुम।

नीतियों की सत्यता में, स्वर्ण का आधार हो तुम।।


खो रहा अस्तित्व था जब, लुप्त होती भावना में,

आस का सूरज जगाए,भोर का उजियार हो तुम।।


जब छिपी सी धूप होती,तब लड़े सब बादलों से

लक्ष्य की इस पटकथा में,भाल का शृंगार हो तुम।।


साधनों की रिक्तता में,हौसले के साज रखकर

खेल की जग भावना में, प्रीति का अँकवार हो तुम।


रच रहा इतिहास नूतन,स्वप्न अंतर में सँजोये

कोटि जन के भाव कहते,देश का आभार हो तुम।।


अनिता सुधीर आख्या

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संसद

मैं संसद हूँ... "सत्यमेव जयते" धारण कर,लोकतंत्र की पूजाघर मैं.. संविधान की रक्षा करती,उन्नत भारत की दिनकर मैं.. ईंटो की मात्र इमार...