कुंडलियां
गिरगिट को भी मात दे,नेताओं के रंग।
चकित भ्रमित जनता खड़ी,देख चुनावी जंग।।
देख चुनावी जंग,झूठ का लगता मेला ।
सुन कर कड़वे बोल,लाज से गड़ा करेला ।।
करें पलट कर वार,सुनें मत इनकी किटकिट ।
सभी करें मतदान,भगा दें काले गिरगिट।।
अनिता सुधीर आख्या
मैं संसद हूँ... "सत्यमेव जयते" धारण कर,लोकतंत्र की पूजाघर मैं.. संविधान की रक्षा करती,उन्नत भारत की दिनकर मैं.. ईंटो की मात्र इमार...
Amazing 🤩
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
DeleteVery beautiful 😍
ReplyDeleteधन्यवाद आस्था
DeleteVery good 👍👍🌹🌹🙏🏼
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteबहुत खूब लिखा
ReplyDeleteसादर आभार आ0
ReplyDeleteबहुत सही लिखा है।
ReplyDeleteयथार्थ गहन अवलोकन।
बहुत सुंदर
ReplyDeleteयथार्थ पर सुंदर अवलोकन।