Saturday, December 4, 2021



तोरण द्वारे पर सजे
बाजे मंगल गीत।
पावन परिणय में बँधे
साथ चले मनमीत।।

सात जन्म के प्यार को 
बाँधा तेरे साथ
रचा प्रेम अनुभूतियां
थामा प्रीतम हाथ
बंधन जन्मों का रहे
मधुरम प्रणय पुनीत
पावन परिणय में बँधे
साथ चले मनमीत।।

पीहर से पी घर चली
स्वप्न सुनहरे बाँध
मन मंदिर में साजना
मिला तुम्हारा काँध
प्रेम कवच विश्वास का
संबंधों की जीत
पावन परिणय में बँधे
साथ चले मनमीत।।

प्रेम सरिस दूजा नहीं
यही प्रणय का सार
हृदय प्रेम परिपूर्णता
सजा सकल संसार
मन कोयल सा कूकता
अंग अंग संगीत
पावन परिणय में बँधे
साथ चले मनमीत।।

अनिता सुधीर आख्या

20 comments:

  1. वाह्हहहहहहहहहह अद्भुत, रमणीय गीत मैम... ❤❤❤💐💐💐💐💐💐💐

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  2. अति सुंदर एवं मनमोहक गीत सृजन 💐💐🙏🏼

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    1. हार्दिक आभार दीप्ति जी

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  3. Replies
    1. आ0 आपके स्नेह भरे शुभकामना संदेश के लिए हृदय से आभार
      🙏🙏🙏

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  4. शुभकामनाएँ मैम 🎊🎊🎉🎉

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  5. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार
    (5-12-21) को "48वीं वैवाहिक वर्षगाँठ"
    ( चर्चा अंक4269)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीदी

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  7. अत्यंत मनहर गीत🙏🙏

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  8. वाह!!
    बहुत ही खूबसूरत सृजन मैम

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  9. जो अभिव्यक्ति हृदय को तलहटी तक छू जाए, उस पर टिप्पणी करने को जी नहीं करता। जी यही करता है कि चुप रहकर उसे महसूस करते रहो।

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संसद

मैं संसद हूँ... "सत्यमेव जयते" धारण कर,लोकतंत्र की पूजाघर मैं.. संविधान की रक्षा करती,उन्नत भारत की दिनकर मैं.. ईंटो की मात्र इमार...