Sunday, December 5, 2021

लव जिहाद


*लव जिहाद*

चित्र गूगल से साभार

प्रेम जाल में फाँस कर

फिर तितली पर वार करें


पंखों पर जब पुष्प उगे

सूरज लेने दौड़ी थी

मस्ती ने थैले में फिर

भरी न कोई कौड़ी थी

पदचिन्हों की ताली भी

खुशियों पर अधिकार करे।।


बाज उसाँसे भर-भर कर

झूठे दाने फेंक रहा

मीन फाँस कर मुख में रख

नाम धर्म का सेंक रहा

रक्त सने मासूमों पर

शोषण को हथियार करे।।


तभी सियासी जामे ने

प्रेम गरल का रूप धरा

भीड़ तंत्र ने कुचला जो

प्रीत भाव फिर कूप गिरा

मित्र बना दीपक ही क्यों

जीवन को अंगार करे।।


अनिता सुधीर


23 comments:

  1. सत्य एवं सटीक 🙏🙏🙏💐💐💐

    ReplyDelete
  2. सत्य, सटीक, धारदार

    ReplyDelete
  3. बहुत ही सुन्दर सटीक बात लाजवाब पंक्तियाँ💐💐💐

    ReplyDelete
  4. समसामयिक और जटिल समस्या पर उत्कृष्ट रचना 👌👌👌👌👌👌

    ReplyDelete
  5. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 07 दिसम्बर 2021 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  6. अत्यंत संवेदनशील एवं सटीक प्रहार करती रचना 💐💐🙏🏼

    ReplyDelete
  7. समसामयिक बहुत सारगर्भित रचना ।

    ReplyDelete
  8. अत्यंत अद्भुत👏🙏सटीक🙏

    ReplyDelete
  9. सत्य को बयां करती बहुत ही उम्दा रचना!
    बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रेम का सहारा लेकर, धर्म के लिए किसी की भावनाओं से खेला जा रहा है!
    क्या बीतती होगी उस पर जब पता चलता होगा कि जिसको वह जीवन साथी समझ रही थी वह एक धोखेबाज इंसान है जो अपने मतलब के लिए उसे प्रेम रूपी चारा डाल अपने जाल में कर फंसा रहा था!

    ReplyDelete
    Replies
    1. सत्य कहा आ0
      आप का हार्दिक आभार

      Delete
  10. मार्मिक रचना

    ReplyDelete

साइबर अपराध

साइबर अपराध  आल्हा छंद दुष्ट प्रवृत्तियां दुष्कर्मों से,करें मनुज का नित नुकसान। जिसकी फितरत ही ओछी हो,लाभ कहां दे तब विज्ञान।। इंटरनेट कंप्...