शरद पूर्णिमा की बधाई
धर्म कर्म की श्रेष्ठता,पाए नित विस्तार।।
शुभ तिथि अश्विन मास की,लाती शुभ संयोग।
शरद पूर्णिमा रात्रि में,मिले अमिय का भोग।।
धवल नवल जब चंद्रमा,नैसर्गिक यह रूप।
षोडश गुण से पूर्ण हो,भरे हृदय का कूप।।
मां लक्ष्मी भू लोक पर,हो दीपक घर द्वार।
विधि विधान से पूज कर,शुद्ध करें आचार।।
शीतल गुण की रश्मियां,करे खीर जब स्पर्श।
आध्यात्मिक शुभ भाव में,मिलें सत्व के दर्श।।
शरद ,रास,कोजागिरी,होंगे नाम अनेक।
जीवन पावन हो सफल,लक्ष्य सभी में एक।।
रास देखकर कृष्ण का,ले विधु जब आनंद।
आत्मसात कर दृश्य को,कवि लिखते नित छंद।।
अनिता सुधीर आख्या
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" गुरुवार 17 अक्टूबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteशरद पूर्णिमा की अनुभूति कराती बहुत सुंदर रचना। अभिनंदन, अनीता जी।
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