Sunday, September 20, 2020

अधिक मास

 मनहरण घनाक्षरी

**

चंद्र मास की चाल में,तीन वर्ष के काल में,

मलिन दिन मध्य में ,मलमास जानिए ।।

वर्जित त्योहार हुए,मंद खरीदार हुए,

नियम ऐसे क्यों हुए ,शुभ पहचानिए।।

पूजा पाठ धर्म करें,दान श्रेष्ठ कर्म करें,

मास पुरुषोत्तम है,विष्णु को मनाइए ।।

चिंतन मनन करें,वेद का श्रवण करें,

पंचभूत शरीर को,तप में लगाइए।।



अनिता सुधीर आख्या

4 comments:

संसद

मैं संसद हूँ... "सत्यमेव जयते" धारण कर,लोकतंत्र की पूजाघर मैं.. संविधान की रक्षा करती,उन्नत भारत की दिनकर मैं.. ईंटो की मात्र इमार...