Thursday, October 1, 2020

गांधी

 गांधी

कुंडलिया
1)
लाठी के हथियार से,आया स्वर्णिम काल।
लड़ी लड़ाई देश की,बिना खड्ग अरु ढाल।।
बिना खड्ग अरु ढाल,सत्य का पाठ पढ़ाया।
रहा अहिंसा धर्म ,मौन उपवास बताया ।।
धोती थी पोशाक,अटल उनकी कद काठी ।
खादी रहा विचार,अमर है गाँधी लाठी  ।।
2)

चिंतन गाँधी का करें,बापू नाम महान।
राम राज साकार हो,सब लें मन में ठान।।
सब लें मन में ठान,स्वच्छता लक्ष्य हमारा।
मोहन का सिद्धांत, स्वदेशी चरखा प्यारा।।
बदले हिंदुस्तान,करे जब जीवन मंथन ।
जन जन की पहचान,बने गाँधी का चिंतन।।


अनिता सुधीर  आख्या

No comments:

Post a Comment

संसद

मैं संसद हूँ... "सत्यमेव जयते" धारण कर,लोकतंत्र की पूजाघर मैं.. संविधान की रक्षा करती,उन्नत भारत की दिनकर मैं.. ईंटो की मात्र इमार...