Monday, September 9, 2024

पैरालिंपिक







पैरालिंपिक

रोग तन मन को लगे जब,वश नहीं उस पर रहे।
जीत का रख हौसला जो,अनगिनत दुख नित सहे।
सोच से विकलांग ना बन,लक्ष्य ले वह चल पड़े
वह सबल दिव्यांग बन कर,नव सफलता नित कहें।।

अनिता सुधीर आख्या 


No comments:

Post a Comment

विश्व पृथ्वी दिवस

सहकर सबके पाप को,पृथ्वी आज उदास। देती वह चेतावनी,पारा चढ़े पचास।। अपने हित को साधते,वक्ष धरा का चीर। पले बढ़े जिस गोद में,उसको देते पीर।। दू...