सोशल मीडिया फेसबुक का आभार है जिसने एक महान गायक और संगीतकार आदरणीय पद्मधर झा शर्मा जी से परिचय कराया जो कि रेडियो और दूरदर्शन के वरिष्ठ कलाकार ,पूर्व मुख्य प्रशासनिक गायक व संगीतकार हैं और अब भी संगीत की साधना में अनवरत लगे हुए हैं।
आपसे बातचीत के दौरान मुझ अंकिचन की रचनाओं पर आपके उद्गार ने मुझे भावुक कर दिया ।
रचना को आपका स्वर और आशीर्वाद मिला जिससे मैं अभिभूत हूँ ।
आदरणीय अग्रज आपको सादर प्रणाम
आप सब भी सुनें
इस रचना पर आदरणीय पद्मधर झा शर्मा जी के स्वर
कब सफर पूरा हुआ है ज़िंदगी का हार कर ।
मंजिलों की शर्त है बस मुश्किलों को पार कर।।
मुश्किलों के दौर में बस हार कर मत बैठना
आसमां को नाप लेंगे आज ये इकरार कर ।।
अनिता सुधीर आख्या
वाह
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