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अब आत्म बोध का हो विचार।
सुन मातु भारती की पुकार।।
बलिदान कृत्य से अमर आज
हम चुका सकें उनका उधार।।
मैं संसद हूँ... "सत्यमेव जयते" धारण कर,लोकतंत्र की पूजाघर मैं.. संविधान की रक्षा करती,उन्नत भारत की दिनकर मैं.. ईंटो की मात्र इमार...
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