घनाक्षरी छन्द
श्वेत वसन धारिणी , मयूर हंस वाहिनी ,
जयति माँ शुभासिनी ,करुणामयी शारदे ।
शुद्ध भाव प्रदायिनी,हस्त पुस्तक वाहिनी
सद्बुद्धि विद्या दायिनी,लेखनी सँवार दे ।
वेद की तुम स्वामिनी,निर्मल मृदुभाषिणी,
हृदय में प्रीत भर, जीवन को तार दे ।
महापातक नाशिनी ,सौभाग्य यशदायिनी,
देकर आशीष देवी ,तम से उबार दे ।
अनिता सुधीर
श्वेत वसन धारिणी , मयूर हंस वाहिनी ,
जयति माँ शुभासिनी ,करुणामयी शारदे ।
शुद्ध भाव प्रदायिनी,हस्त पुस्तक वाहिनी
सद्बुद्धि विद्या दायिनी,लेखनी सँवार दे ।
वेद की तुम स्वामिनी,निर्मल मृदुभाषिणी,
हृदय में प्रीत भर, जीवन को तार दे ।
महापातक नाशिनी ,सौभाग्य यशदायिनी,
देकर आशीष देवी ,तम से उबार दे ।
अनिता सुधीर
जी सादर अभिवादन
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रार्थना माँ सरस्वती की । बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।
ReplyDeleteआ0 हार्दिक आभार ,आपको भी बहुत शुभकामनाएं
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