Monday, October 11, 2021

स्कन्द माता

 स्कन्द माता के चरणों में पुष्प


पंचम तिथि माँ स्कंद का,पूजन नियम विधान है।

भक्तों का उद्धार कर , करतीं कष्ट निदान हैं।।


तारकसुर ब्रह्मा जपे, माँग लिए वरदान में।

अजर अमर जीवित रहूँ,मृत्यु न रहे विधान में।।


संभव ये होता नहीं,जन्म मरण तय जानिए।

शिव सुत हाथों मोक्ष हो,मिले मूढ़ को दान ये।।


मूर्ति वात्सल्य की सजे,कार्तिकेय प्रभु गोद में।

संतति के कल्याण में,जीवन फिर आमोद में।।


सिंह सवारी मातु की,चतुर्भुजी की भव्यता।

शुभ्र वर्ण पद्मासना,परम शांति की दिव्यता।।


जीवन के संग्राम में,सेनापति खुद आप हैं।

मातु सिखाती सीख ये, बुरे कर्म से पाप हैं।।


ध्यान वृत्ति एकाग्र कर,शुद्ध चेतना रूप से।

पाएं पुष्कल पुण्य को,पार  लगे भवकूप से।।


27 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" आज मंगलवार 11 अक्टूबर 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है....  "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. बहुत ही सुन्दर अदभुत🙏🙏🙏

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  3. Maa ki kripa sabko mile,bahut sundar bhavvyakti,mantramugdh kar diya!

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    1. धन्यवाद ऊषा
      तुम्हारे स्नेह ने मन मोह लिया

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  4. बहुत सुंदर भावपूर्ण स्तुति माॅं स्कंदमाता की 🙏🙏🙏🌹🌹

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  5. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (12-10-21) को "पाप कहाँ तक गंगा धोये"(चर्चा अंक 4215) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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    कामिनी सिन्हा

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  6. अत्यंत सुंदर उल्लाला छंद🙏🙏नमन

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  7. सादर आभार संजीव जी

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  8. अत्यंत उत्कृष्ट छंद बद्ध स्तुति 🙏🏼💐

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  9. मां की सुंदर स्तुति
    जय माता दी

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  10. आदरणीया अनिता सुधीर जी, स्कंदमाता का कवित्वपूर्ण सुंदर वर्णन१--ब्रजेंद्रनाथ

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  11. ध्यान वृत्ति एकाग्र कर,शुद्ध चेतना रूप से।

    पाएं पुष्कल पुण्य को,पार लगे भवकूप से।।
    माँ स्कन्दमाता की स्तुति में बहुत ही लाजवाब सृजन
    वाह!!!

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