Saturday, October 9, 2021

माँ चंद्रघंटा

माँ चंद्र घण्टा के चरणों में पुष्प


नवरातों त्योहार में, दिवस तीसरा ख़ास।

चंद्र घंट को पूज के, लगी मोक्ष की आस ।।


सौम्य रूप में शाम्भवी, माँ दुर्गा अवतार ।

घण्टा शोभित शीश पर ,अर्ध चंद्र आकार ।।


सिंह सवारी मातु की, अस्त्र शस्त्र दस हाथ।

दर्श अलौकिक जानिए , दिव्य शक्तियाँ साथ।।


अग्नि तत्व मणिपुर सधे, योग साधना तंत्र ।

साधक मन को साधते, सप्त शती के मंत्र।।


ध्वनि घंटे की शुभ रही, करें जोर से नाद।

दूर प्रेत बाधा करे, दूर करे अवसाद ।।


कीर्ति मान सम्मान हो, साधक के घर द्वार।

रक्षा करने धर्म की, माँ आयीं संसार।।


अनिता सुधीर

27 comments:

  1. Mata ki bahut sunder vandana ke liye abhar sakhi.

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद उषा

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  2. बहुत सुंदर सृजन 🙏🙏

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    1. हार्दिक आभार संजीव जी

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  4. अत्यंत अद्भुत दोहे🙏🙏 जय माँ चंद्रघंटा

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  5. उत्तम अभिव्यक्ति

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  6. अप्रतिम मैम..🙏
    जय माता की

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    1. आत्मीय धन्यवाद
      जय माता की

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  7. माता की बहुत सुंदर वंदना।

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  8. सुबह कि शुरुआत माता को समर्पित इस रचना के साथ ।
    उत्तम सर्वोत्म !

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  9. रक्षा करने धर्म की आई मां संसार,
    अति सुन्दर
    जय माता दी 🙏

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  10. सुंदर, सार्थक रचना ! .......
    Mere Blog Par Aapka Swagat Hai.....

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  11. मां की बहुत प्यारी वंदना....आप बहुत सुंदर पंक्तियां लिखती है....प्रभु का आशीर्वाद

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    1. जी आपका हार्दिक आभार

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  12. आपका हार्दिक आभार आ0

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  13. अति सुंदर भाव भक्ति से भरपूर दोहे अनिता जी 🙏🏼

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  14. मातारानी की भक्ति से ओतप्रोत सुंदर भावपूर्ण दोहे, नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

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    1. आप को भी हार्दिक शुभकामनाएं
      सादर नमन

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  15. सुंदर रचना ,मां चन्द्रघंटा के ऊपर

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