Thursday, October 10, 2019

रुपया
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सुनो  रुपैया..  तुम हो बड़े काम के भैया

कई रंगों मे रंगे हो भैया  तुम हो सबके खिवैया
पास अगर तुम होते हो पार लगाते जीवन नैया

तुम बिन  इस भंवर में हिचकोले खाती है नैया
मिले सम्मान जगत में पास में होय जब रुपैया।

विवश हो चश्मे से देखते,हिंसा में काम आते तुम
गाँधी के सिद्धांत रौंद,दबाते सच को तुम रुपैया।

बिक गया इंसान ,ईमान रिश्ता धर्म हो गया
रिश्तों में कत्लेआम देखा,कारण तुम थे रुपैया ।

अरबों की भूख में ,देश बेच रखे महलों में रुपैया
दो रोटी की भूख जिसे,नसीब नहीं एक मडैया ।

जब घर आते सैंया पत्नी झांके ओट किवडिया
बालम ले आये  रुपैया पत्नी का श्रृंगार रुपैया ।।

बच्चों का मनुहार रुपैया, बूढ़ों का विश्वास रुपैया
सबके बड़े काम का  रुपैया।।

कोठों पर नाचते देखा जिनके पास न था रुपैया
जिस्म को नोचते देखा जिनके पास था रुपैया ।।

फांसी के फंदे पर लटके,उनके पास नहीं रुपैया
भिखारी मर गया बाहर ,मंदिर में अपार रुपैया।।

सद्बुद्धि देना प्रभु ,महत्व तुम्हारा समझें भैया।।
आवश्यक जीवन में रुपैया ,पर निश्चित है भैया
सब कुछ होता नहीं रुपैया ।।

एक अधिक सांस न मोल  ले पाये रुपैया
एक अधिक सांस न मोल  ले पाये रुपैया।।
सब कुछ नहीं होता रुपैया  ।।

2 comments:

  1. वाह ! रूपये की महिमा अपरम्पार।

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संसद

मैं संसद हूँ... "सत्यमेव जयते" धारण कर,लोकतंत्र की पूजाघर मैं.. संविधान की रक्षा करती,उन्नत भारत की दिनकर मैं.. ईंटो की मात्र इमार...