शत शत नमन
श्यामा प्रसाद मुखर्जी
(6 जुलाई 1901 - 23 जून 1953)
जो मुखर्जी श्यामा
लिख गए भारत इतिहास।
नित्य पदचिन्हों पर
हम करें चलकर अभ्यास।।
वीर विलक्षण प्रतिभा लेकर,राजनीति में करें प्रवेश।
'देश अखंड रहे' यह मेरा,जनमानस को दे संदेश।।
तुष्टिकरण की नीति-नियम का,किया उन्होंने सदा विरोध।
धर्म बँटा आजादी में जो,परिणामों का होता बोध।।
एक देश दो ध्वज क्यों होंगे,इसका उनको नित था भान।काशमीर भारत में होगा,नहीं रहेगा धर्म विधान।।
हिंदू पर अत्याचार हुए, उनके मन जन्मा आक्रोश।
दल जनसंघ गठित कर कहते,किसी धर्म से कब है रोष।।
शिक्षाविद चिंतक श्यामा को,याद रखेगा भारतवर्ष।
हिंद उपासक अलख जगाकर,प्राणों का करते उत्कर्ष।।
अनिता सुधीर
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