दोहे
विजय दिवस की शुभकामनाएं
वीर सपूतों को करें,शत-शत बार प्रणाम ।
प्राणों के उत्सर्ग से, किया देश का नाम ।।
अद्भुत गाथा लिख गये ,ऊँचे पर्वत द्रास ।
कठिनाई से कब डरे, ले ली अंतिम साँस।।
जिनके वीर सपूत ये,धन्य मातु अरु तात।
नाम अमर इतिहास में,जब अरि को दी मात।।
ऋणी शहीदों के सभी, रक्षा का लें भार।
व्यर्थ नहीं बलिदान हो, लेते शपथ हजार ।।
वीरों के बलिदान से, नतमस्तक हैं आज।
उनके ही सम्मान में ,करें नया आगाज।।
अनिता सुधीर आख्या
Too much good di ❤️🙏
ReplyDeleteDhanyawad aapka
ReplyDeleteव्यर्थ नहीं बलिदान हो, यही संकल्प होना चाहिए हम सभी देशवासियों का। विजय दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट कविता रची है कवयित्री ने जो प्रत्येक देशप्रेमी को कंठस्थ करनी चाहिए।
ReplyDeleteसादर अभिवादन आ0
Deleteबेहतरीन देशभक्ति से ओतप्रोत है आपकी रचना
ReplyDeleteअभिलाषा जी आभार
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