वीर सपूत उधम सिंह की पुण्यतिथि पर शत शत नमन
संयोग से आज मैं अमृतसर जलियांवाला बाग में ही हूँ और उस इतिहास से व्यथित हूँ
उधम सिंह
(26 दिसंबर 1899 - 31 जुलाई 1940)
क्रांति के वीरों में,
थे उधम पंजाबी शेर।
कर्ज था माटी का,
फिर किए डायर को ढेर।।
राष्ट्रप्रेम की ज्वाला लेकर,इंकलाब का गाते गान।
हर बच्चा जब उधम सिंह हो,होगा भारत देश महान।।
बेबस चीखें बैसाखी की,जलियांवाला का था घाव।
लहु के आँसू बहते देखें,उधमसिंह पर पड़ा प्रभाव।।
सात समुंदर पार चले थे,लेने माटी का प्रतिशोध।
ओ'डायर को मार गिराया,जिसने मारे कई अबोध।।
बीस बरस का बदला लेते,जो जलती सीने में आग।
अमर हुआ यह वीर सिपाही,देशभक्ति का गाकर राग।।
गाँव सुनाम हुआ बड़भागी,उधम सिंह को करे प्रणाम।
मिले मृत्यु से हँसते-हँसते,वीरों को देकर पैगाम।।
सादर अभिवादन
ReplyDeleteअमर शहीद उधम सिंह का स्मरण करवाने वाली यह कविता प्रेरक है। तथ्यात्मक त्रुटि यह है कि उधम सिंह ने डायर को नहीं ओडायर को मारा था (डायर की मृत्यु रोगग्रस्त हो जाने के कारण पहले ही हो चुकी थी एवं चूंकि ओडायर भी जलियांवाला बाग़ के नरसंहार के निमित्त उत्तरदायी था, अतः उधम सिंह ने ओडायर की हत्या करके प्रतिशोध लिया था)।
ReplyDeleteक्षमा सहित
Deleteमार्गदर्शन के लिए आभार
अभी सुधार करते हैं
जी सुधार कर दिया
Deleteवीर शहीद उधमपुर सिंह जी को शत-शत नमन🙏
ReplyDeleteसादर प्रणाम आ0
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