Wednesday, September 18, 2019


  चौपट
  हास्य व्यंग्य
***
चौपट विषय में हास्य ढूंढता कोई भला
इससे बड़ा व्यंग आप ही बताओ ,होगा भला ,
अंधेर नगरी चौपट राजा हुआ करता था
टका सेर भाजी ,टका सेर "खाजा" था भला।
आज का हाल  देखो क्या हो रहा है ,
टका सेर भाजी  मुफ्त में "खाजा" हो रहा है।
मुफ्त में खाजा की भीड़ बढ़ रही है
सारी व्यवस्था ध्वस्त और चौपट हो रही है ।
योजनाएं तो बनाती आ रहीं हैं सरकारें ,
चौपट प्रजा ही प्रजा के लिए कर रही है ।
कहाँ से शुरू कर कहाँ तक गिनाऊँ
कैसे कोई निवाला अब चैन का खाऊं।
कुकुरमुत्ते की तरह शिक्षण संस्थान उग रहे
चौपट व्यवस्था और काम  महान कर रहे ।
डिग्रियां ले कर घूमते फौज बेरोजगार की बढ़े
मानसिक स्तर के क्या कहने दोष सरकार को मढ़े।
बिकी मीडिया कराती प्रतिदिन ही युद्ध है
आज के इस दौर में अब कहाँ बचे बुद्ध हैं।
जिस देश में नियम तोड़ने के  लिए बनते हों
हेलमेट सुरक्षा नहीं,चालान से बचने के लिए पहनते हों
किसकी जेबें खाली ,किसकी भरी जा रही है
रंग उड़ी जनता पर मुस्कान लायी जा रही है ।
कौवों को भोग लगाते श्रद्धा से श्राद्ध में
दो रोटी  न खिलायें किसी आश्रम में वृद्ध को।
सबसे  बड़ा हास्य और सबसे बड़ा व्यंग है
चौपट होता आम आदमी,जीवन कसता तंज है।
सोचती हूँ हास्य कुछ अपने जीवन में भर  लूँ
संवेदनाओं को अपने अब मृतप्रायः कर लूँ ।
चौपट  है कुछ, ये महसूस फिर होगा ही नहीं,
टका सेर भाजी और चार सेर खाजा होगा हर कहीं ।


अनिता सुधीर






5 comments:

  1. "कौवों को भोग लगाते श्रद्धा से श्राद्ध में
    दो रोटी न खिलायें किसी आश्रम में वृद्ध को।"
    अंधपरम्परा पर व्यंग्य का कुठाराघात ... दहेज़विरोधी अधिनियम भी दशकों से मुँह चिढ़ा रहा है महोदया ! ...

    ReplyDelete
  2. आ0 आप की सराहना के लिए हार्दिक आभार ।
    आजकल एक बात और देखने में आ रही है कि महिलाओं के हित में बने कानून का कुछ महिलाएं नाजायज लाभ उठा रही हैं।
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. महिला हो पुरुष इस तरह की हरकतों से दोनों बाज नहीं आते। कुछ जाति विशेष के लिए बने क़ानून का भी उस जाति के लोग लाभ उठाते हैं ही अक़्सर।
      अंधपरम्पराओं और कुरीतियों पर कुठाराघात करती आपकी रचनाएं आपकी सोच का आइना है। अच्छा लगता है जब कोई इस तरह सोचता है। ये बाते हमें अपनी भावी पीढ़ी को तक संप्रेषित अवश्य करनी चाहिए।

      Delete
  3. आप की उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार

    ReplyDelete
  4. शानदार व्यंग रचना सखी!
    सीधा व्यवस्था पर प्रहार करता सृजन ।

    ReplyDelete

करवा चौथ

करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं  प्रणय के राग गाने को,गगन में चाँद आता है। अमर अहिवात जन्मों तक,सुहागन को सुनाता है।। करे शृंगार जब नारी,कलाए...